भाजपा शासन में प्रदेश में 20 बलात्कार के मामले हर दिन हो रहे दर्ज, बीते 5 सालों 19 प्रतिशत तक की हुई वृद्धि, इंदौर बलात्कार मामलों में टॉप पर, कांग्रेस विधायक के तीखे सवाल पर सीएम यादव ने दी जानकार
Under BJP rule, 20 rape cases are being registered every day in the state, an increase of 19 percent in the last 5 years, Indore is on top in rape cases, CM Yadav gave information on the sharp question of Congress MLA

भाजपा शासन में प्रदेश में 20 बलात्कार के मामले हर दिन हो रहे दर्ज, बीते साल 2024 में 7 हजार 294 बलात्कार के मामले आए थे सामने, बीते 5 सालों 19 प्रतिशत तक की हुई वृद्धि, इंदौर बलात्कार मामलों में टॉप पर 5 साल में 2301 प्रकरण आए सामने
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
भोपाल, प्रदेश में 2024 में प्रतिदिन 20 बलात्कार हुए वर्ष 2020 में बलात्कार की घटनाएं 6134 से बढ़कर 2024 में 7294 हो गई जिसमें 19% की वृद्धि हुई यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधायक पंकज उपाध्याय के प्रश्न के उत्तर में दी।
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है कि वर्ष 2023-24 के वार्षिक प्रतिवेदन में दिए गए बलात्कार के कुल प्रकरण 5374 की जानकारी असत्य है । वास्तव में 2023 में बलात्कार के 7202 प्रकरण हुए तथा इस अवधि में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के प्रकरणों की संख्या 3831 है। जबकि वार्षिक प्रतिवेदन में 883 प्रकरण बताए गए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि महिला बलात्कार की कुल संख्या 5374 महिला सुरक्षा शाखा द्वारा तथा अनुसूचित जाती तथा जनजाति की संख्या 883 अजाक शाखा पुलिस मुख्यालय द्वारा भेजी गई जानकारी अनुसार दी गई थी । जिलो से जानकारी मंगाये जाने पर वास्तविक संख्या 7202 तथा 3831 पाई गई।
विधायक के आरोप, कुल बलात्कार की वास्तविक संख्याओं को छुपाया जा रहा
विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया कि वार्षिक प्रतिवेदन में महिलाओ से कुल बलात्कार की वास्तविक संख्या को छिपाया जा रहा है तथा विधानसभा में असत्य जानकारी पेश कर , विधानसभा की अवमानना की गई है । विधानसभा अध्यक्ष जी को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए। वर्ष 2023 की वार्षिक प्रतिवेदन की संख्या से वास्तविक संख्या 40% ज्यादा है तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के वास्तविक आंकड़े वार्षिक प्रतिवेदन से 340% ज्यादा यानी साढ़े तीन गुना ज्यादा है।
वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़ों से वास्तविक आंकड़े तीन गुना से लेकर 5 गुना तक ज्यादा
वार्षिक प्रतिवेदन में प्रतिवर्ष असत्य आंकड़े महिलाओं से बलात्कार के दिए जा रहे हैं, अनुसूचित जाति की महिलाओं से बलात्कार की संख्या वार्षिक प्रतिवेदन में 2020 से 2024 तक क्रमशः 546 , 611, 593 , 538 तथा 557 दी गई हैं। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार इस अवधि में क्रमशः 1640 , 1712 , 1861 , 1769 तथा 1799 संख्या है। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति में क्रमशः 395 , 394 , 403 , 345 और 359 वार्षिक प्रतिवेदन में दिए गए हैं , जबकि मुख्यमंत्री के उत्तर अनुसार इस अवधि में क्रमशः 1742 , 1968 , 2874 , 2062 तथा 2194 है। यानी साफ है कि वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़ों से वास्तविक आंकड़े तीन गुना से लेकर 5 गुना तक ज्यादा है।
बलात्कार के मामलों में इंदौर टॉप पर इसके बाद भोपाल
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं पिछले 5 वर्षों में अनुसूचित जाति में 10% वृद्धि, अनुसूचित जनजाति में 26% की वृद्धि, पिछड़ा वर्ग में 20% तथा सामान्य में 24% में वृद्धि हुई। मुख्यमंत्री के बताए मुताबिक पिछले 5 साल में 2020 से 2024 तक , इंदौर जिले में सबसे ज्यादा 2301 प्रकरण और उसके बाद भोपाल में 1949 प्रकरण दर्ज किए गए। धार में 1602 , खरगोन में 1230 , सागर में 1200 , जबलपुर में 1056 तथा रतलाम में 1018 प्रकरण दर्ज किए गए।
सीएम यादव ने जवाब में बताया कितने बरी हुए तो कितनों को मिली सजा
विधायक पंकज उपाध्याय द्वारा न्यायालय में बलात्कारों के प्रकरण की सक्सेस रेट पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में महिला बलात्कार की अनुसूचित जाति के 2739 प्रकरणों के फैसले हुए , जिसमें 23 प्रतिशत को सजा तथा 77% बरी हुए। अनुसूचित जनजाति में 3163 फैसले में 22% को सजा तथा 78% बरी हुए। पिछड़ा वर्ग के 3982 फैसले में 21% को सजा तथा 79% बरी हुए तथा सामान्य के 1222 फैसलो में 18 % को सजा हुई तथा 82% बरी हुए।
इन शहरों में बलात्कार के मामलों में हुई बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी अनुसार पिछले पांच वर्षों में बलात्कार की घटनाओं में सबसे ज्यादा वृद्धि 158% झाबुआ जिले में हुई। इंदौर शहर में 103 प्रतिशत, इंदौर ग्रामीण में 69% भोपाल शहर में 59% रतलाम में 46% की वृद्धि दर्ज हुई। बालाघाट में 33% तथा जबलपुर में 15% की कमी हुई। गुना, अशोकनगर, भिंड, बुरहानपुर, शाजापुर, कटनी, सिवनी, पन्ना , सतना, अनूपपुर ,राजगढ़ में कमी हुई। ग्वालियर, दमोह , विदिशा में संख्या समान रही। शेष जिलों में संख्या में वृद्धि हुई है।