आरडीवीवी छात्रों के भविष्य से कर रहा खिलवाड़ : एनएसयूआई, परीक्षा लिए बिना घोषित परिणाम, परीक्षा देने पर मिलते शून्य, कुलपति पर लगे महिला सहायक कुलसचिव से छेड़छाड़ के भी आरोप, आयोग्य कुलपति की लापरवाही एनएसयूआई ने सीएम, राज्यपाल से की शिकायत

RDVV is playing with the future of students: NSUI, results declared without taking exams, zero marks are given on taking exams, Vice Chancellor is also accused of molesting a female assistant registrar

आरडीवीवी छात्रों के भविष्य से कर रहा खिलवाड़ : एनएसयूआई, परीक्षा लिए बिना घोषित परिणाम, परीक्षा देने पर मिलते शून्य, कुलपति पर लगे महिला सहायक कुलसचिव से छेड़छाड़ के भी आरोप, आयोग्य कुलपति की लापरवाही एनएसयूआई ने सीएम, राज्यपाल से की शिकायत

आरडीवीवी छात्रों के भविष्य से कर रहा खिलवाड़ : एनएसयूआई, परीक्षा लिए बिना घोषित परिणाम, परीक्षा देने पर मिलते शून्य, कुलपति पर लगे महिला सहायक कुलसचिव से छेड़छाड़ के भी आरोप, आयोग्य कुलपति की लापरवाही एनएसयूआई ने सीएम, राज्यपाल से की शिकायत

जबलपुर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय इन दिनों काफी सुर्खियों में बना हुआ है,विश्वविद्यालय कभी परीक्षा लिए बिना ही परिणाम घोषित कर रहा है तो कभी परीक्षा लेकर भी छात्रों को जीरो नंबर दे रहा है तो कभी छात्रों को सिलेबस के बाहर का पेपर थमा दिया जाता है परीक्षा होने के महीनों बाद भी परिणाम घोषित नहीं किया जाता। इन‌ सभी बातों को लेकर एनएसयूआई के छात्र नेता अनुराग शुक्ला और शफी खान ने राज्यपाल तथा कुलाधिपति मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र भेजकर सभी समस्याओं का समाधान करने और आरोग्य कुलपति को हटाने तथा उनकी नियुक्ति की स्वतंत्र जांच कर कर्मचारियों और छात्रों के हित में एक योग्य नैतिक और शिक्षित अनुभवी कुलगुरु की नियुक्ति की मांग की।

छात्र नेता अनुराग शुक्ला और शफी खान ने कुलपति राजेश वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से उन्हें कुलपति बनाया है तभी से ही विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार तथा रिजल्ट में लगातार गिरावट हो रही है क्योंकि वे कुलपति बनने हेतु नियमानुसार पूरी तरह से अयोग्य हैं उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों का उल्लंघन करते हुए की गई,उनके पास इस पद के लिए आवश्यक अनुभव और योग्यता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक समय था कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का नाम हुआ करता था और और भारी संख्या में छात्र प्रवेश लेने में रुचि रखते थे,लेकिन जब से राजेश वर्मा कुलपति बने हैं तभी से ही विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है आज विश्वविद्यालय की यह स्थिति है कि छात्र ना के बराबर प्रवेश ले रहे हैं जिसका सीधा असर विश्वविद्यालय के फंड पर भी पढ़ रहा है और वित्तीय अनियमित्ताओं से जूझते हुए विश्वविद्यालय को अपनी एफडी भी तुड़वानी पड़ी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है।

छात्रों को यहां वहां भटकना पड़ता है

समय पर अधिकारी और कर्मचारी मौजूद नहीं रहते हैं जिससे छात्रों को यहां वहां भटकना पड़ता है वाहवाही लूटने की चक्कर में परीक्षा कराएं बिना ही परिणाम घोषित किए जा रहे हैं, हाल ही में ही विश्वविद्यालय द्वारा 27 अप्रैल को बीबीए की परीक्षा कराए बिना ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया, 3 मई शनिवार को आयोजित बीएससी की परीक्षा में वीरांगना रानी दुर्गावती के लिए 'मकबरा' शब्द का उपयोग किया गया, जो न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है,बल्कि हमारी सांस्कृतिक भावनाओं के भी विरुद्ध है क्योंकि रानी दुर्गावती एक हिन्दू वीरांगना थीं, हिन्दू परंपरा में 'मकबरा' नहीं होता एवं इस प्रकार का कृत्य वीरांगना रानी दुर्गावती जी का घोर अपमान है इसी तरह 7 मई बुधवार को बीए सेकंड ईयर की  आयोजित परीक्षा में विद्यार्थियों को ऑउट ऑफ सेलेब्स प्रश्न पत्र थमा दिया गया जिसे विश्वविद्यालय को बीच एग्जाम पेपर अघोषित तौर पर स्थगित करना पड़ गया। इसी प्रकार परीक्षा देने के बाद भी छात्रों को जीरो नंबर थमा दिए जाते हैं तथा परीक्षाएं होने के महीनों बाद भी परिणाम घोषित नहीं होते हैं। 

कुलपति पर लगे महिला सहायक कुलसचिव के साथ छेड़छाड़ व अभद्र इशारे करने के आरोप

कुलपति राजेश वर्मा पर विश्वविद्यालय की ही महिला सहायक कुलसचिव ने अशोभनीय आचरण, छेड़छाड़ और अभद्र इशारे के भी आरोप लगे हैं जो महिला सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं  जिसकी शिकायत भी गई है तथा राज्य महिला आयोग ने भी जिला कलेक्टर को पत्र भेज कर उचित जांच कर कार्रवाई की मांग की है कुलगुरु की यह निष्क्रियता और अनियमितताएं विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय,जो कभी शिक्षा और गरिमा का प्रतीक था, आज अपने नेतृत्व की अक्षमता और अनैतिक आचरण के कारण शर्मसार हो रहा है।

कुलगुरु द्वारा बरती जा रही इतनी बड़ी लापरवाही और उन पर लगे महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोप न केवल महिला सम्मान पर गहरा आघात हैं,बल्कि यह हमारे समाज की नींव को भी कमज़ोर करता है ऐसे आयोग्य और विवादित व्यक्ति को तत्काल उनके पद से हटाया जाए तथा उनकी नियुक्ति की स्वतंत्र जांच कर कार्रवाई की जाए और एक योग्य, नैतिक और अनुभवी कुलगुरु की शीघ्र नियुक्ति की जाए।