अपनी राजनीति चमकवाने वाले अशोक नगर क्षेत्रवासियों को पार्षद के खिलाफ बरगला कर करवा रहे क्षेत्र का नुकसान, पार्षद साथ होते तो निगम आयुक्त की जगह सीधे महापौर से होती मुलाकात और हो जाती बहुत कुछ समस्याएं होती हल

अपनी राजनीति चमकवाने वाले अशोक नगर क्षेत्रवासियों को पार्षद के खिलाफ बरगला कर करवा रहे क्षेत्र का नुकसान, पार्षद साथ होते तो निगम आयुक्त की जगह सीधे महापौर से होती मुलाकात और हो जाती बहुत कुछ समस्याएं होती हल
Ashok nagar citizens in nagar nigam campus

अपनी राजनीति चमकवाने वाले अशोक नगर क्षेत्रवासियों को पार्षद के खिलाफ बरगला कर करवा रहे क्षेत्र का नुकसान, पार्षद साथ होते तो सीधे महापौर से मुलाकात कर बहुत कुछ समस्याएं होती हल, लेकिन अपना फायदा ढूंढने वालों ने निगम आयुक्त को दिलवा दिया समस्याएं का ज्ञापन

डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

मोहम्मद सिराज

रतलाम, कांग्रेस मुर्दाबाद... पार्षद मुर्दाबाद.... जैसे नारे गुरुवार को  निगम के परिसर में गूंज रहे थे। ये गूंज समस्याओं वाली थी जिसे अशोक नगर के क्षेत्रवासी बीते कई समय से झेल रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि क्षेत्रीय पार्षद मोहम्मद सलीम बागवान काम नहीं कर रहे। पिछली खबर में पार्षद से चर्चा पर उन्होंने बताया कि वे किस तरह से अशोक नगर के क्षेत्रवासियों को सुविधा दिलवाने की कोशिशें में लगे है। इस पूरी चर्चा का वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर भी डला हुआ हैं। निगम पहुंचकर क्षेत्रवासियों ने जब अपनी समस्याएं निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को बताया तो इसपर आयुक्त ने भी वही जवाब दिया जो पार्षद बागवान सभी को दे चुके थे वो यह कि कोई भी ठेकेदार टेंडर लेने को तैयार नहीं है। बता दें कि अशोक नगर में विकास कार्यों की राशि जारी करवाने वाला पार्षद ही है। पार्षद के द्वारा ही निगम के सम्मेलनों में अशोक नगर समस्याओं को बार बार उठाने के बाद  97.19 लाख रुपए की राशि सेंसेशन हो सकी थी।

पार्षद बागवान से जब अशोक नगर के विकास कार्यों की बात की तो उन्होंने बताया कि वे अशोक नगर की समस्याओं को हल करवाने में है। उन्होंने कहा कि वार्ड के लोगों ने उन्हें चुना है। वार्ड के क्षेत्रवासी उनका परिवार है। लेकिन वे खुद मजबूर है। अब तक वे कई पत्र निगम अध्यक्ष, महापौर पटेल, कांग्रेस पार्टी और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तक को भी लिख चुके हैं। पार्षद के द्वारा लिखे पत्रों से इनकी कोशिशों के बारे में साफ साफ दिखाई दे रहा है। 

विरोधी पार्षद के प्रति फैला रहे नफरत, लेकिन पार्षद के लिखे पत्र को नहीं कर रहे सांझा 

बहरहाल, अशोक नगर के इस मसले पर ऐसे कुछ लोग भी है जो अपनी राजनीति करने में भी पीछे नहीं हट रहे। पार्षद के विरोधी क्षेत्रवासियों को पार्षद के खिलाफ भड़काकर एक अलग ही माहौल तैयार कर रहे है। पार्षद के प्रति निगम परिसर में पार्षद मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले शायद पार्षद के साथ दुश्मनी वाली राजनीति करने वालों की सीख में इतना सब कर रहे है। या फिर कहा जाए कि जो भी पार्षद के खिलाफ एक माहौल तैयार किया जा रहा है इससे भी साबित हो रहा है कि विरोधी खुद के लिए आने वाले चुनाव की तैयारी कर रहा है। 

कुछ राजनीतिक लोग अपनी राजनीति चमकाने में क्षेत्रवासियों का करवा रहे नुकसान

मुर्दाबाद के नारे लगाने वालों को यह जरूर सोचना चाहिए कि पार्षद से उन्हें आगे कई काम पड़ेंगे। मुर्दाबाद के नारे लगाने से बेहतर होता कि पार्षद को साथ में लेकर ही निगम पहुंचकर निगम आयुक्त की जगह सीधे महापौर प्रहलाद पटेल से ही मुलाकात कर अशोकनगर की समस्या के बारे में चर्चा करते। लेकिन भीड़ में अपनी राजनीति चमकाने वालों ने निगम आयुक्त से मुलाकात करवा दी। जिन्होंने ठेकेदार टेंडर नहीं ले रहे कहकर पल्ला झाड़ दिया। लेकिन पार्षद को साथ लाते और महापौर से मुलाकात करते तो शायद बहुत कुछ हद तक काम बन जाता, बोले तो महापौर पटेल कुछ तो जुगाड़ जरूर लगवा देते लेकिन हाय रे राजनीति.... क्षेत्र की समस्या के बीच कौन अपनी राजनीति चमकाने में लगा है यह उसे भी पता है और क्षेत्रवासियों को भी पता है, लेकिन क्षेत्रवासियों को दिमाग से कम लेकर ही कार्य करना चाहिए। याद रखें कीचड़ में फेंका हुआ पत्थर भी एक दिन काम में लेना पड़ता है। 

यह खबर एक नजरिया है, किसी राजनीतिक नेता के सपोर्ट में नहीं है।