रतलाम-नागदा रेलखंड को मिलेगी नई रफ्तार,तीसरी और चौथी लाइन से जुड़ेगा विकास का ट्रैक, मध्य प्रदेश को शीघ्र ही मिलेगी तीन ट्रेनों की सौगात
Ratlam-Nagda railway line will get new speed, the track of development will be connected with the third and fourth line, Madhya Pradesh will soon get the gift of three trains

रतलाम-नागदा रेलखंड को मिलेगी नई रफ्तार,तीसरी और चौथी लाइन से जुड़ेगा विकास का ट्रैक, मध्य प्रदेश को शीघ्र ही मिलेगी तीन ट्रेनों की सौगात
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
रतलाम, प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी के उपलक्ष्य में वीडियो लिंक के माध्यम से केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की। इस अवसर पर मंच पर उज्जैन-अलोट के सांसद श्री अनिल फिरोजिया उपस्थित थे, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े। उनके साथ राज्य सरकार के मंत्री चेतन्य कश्यप, सांसद अनीता नागर सिंह चौहान, विधायक मथुरा लाल डामर और विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बुनियादी ढांचे को गति देने के लिए लगातार नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है। 41 किलोमीटर लंबा रतलाम-नागदा रेल सेक्शन अब तीसरी और चौथी लाइन के साथ चार ट्रैकों वाला बन जाएगा, जिसकी कुल लागत ₹1,018 करोड़ निर्धारित की गई है।
रतलाम जंक्शन देश के उन महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में शामिल है, जहां से उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) की ओर सीधी रेल कनेक्टिविटी है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना ‘जीरो कार्बन’ लक्ष्य की दिशा में भी बड़ा कदम है। इससे हर वर्ष लगभग 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है। 11वें वर्ष तक यह संख्या बढ़कर 16.5 करोड़ पेड़ों के बराबर होगी। साथ ही, 7.5 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत भी संभव होगी।
इस परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोज़गार भी सृजित होगा। इसके अलावा यह रतलाम क्षेत्र से नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर एवं केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी गति और कुशलता आएगी।
परियोजना से खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नया बल मिलेगा।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए एक नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। इसके साथ ही रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन और नई ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी दी जा चुकी है। इनकी समय-सारणी तय हो चुकी है और ये जल्द शुरू की जाएंगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह केवल एक नई सुविधा नहीं है, बल्कि यह विकास के एक नए युग का द्वार है। वास्तव में, आज मध्य प्रदेश का स्वर्णकाल चल रहा है।
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