अचानक धमक पड़े डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज में कलेक्टर बाथम, गंदा फर्श देखकर आग बबूला हुए कलेक्टर, डीन ने कलेक्टर के सामने कहा फर्श पर मशीन लगवाना

Collector Batham suddenly arrived at Doctor Laxmi Narayan Medical College, Collector became furious after seeing the dirty floor, Dean said in front of Collector to get the machine installed on the floor, Ratlam medical college, doctor laxminarayan medical college ratlam,

अचानक धमक पड़े डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज में कलेक्टर बाथम, गंदा फर्श देखकर आग बबूला हुए कलेक्टर, डीन ने कलेक्टर के सामने कहा फर्श पर मशीन लगवाना
कलेक्टर अचानक पहुंचे डॉ लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज, फर्श देख कर कलेक्टर हुए नाराज़

अचानक धमक पड़े डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज में कलेक्टर बाथम, गंदा फर्श देखकर आग बबूला हुए कलेक्टर, डीन ने कलेक्टर के सामने कहा फर्श पर मशीन लगवाना

डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

रतलाम, डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज में आए दिन कमियों की शिकायतें मिलने पर रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने मेडिकल कॉलेज का गुरुवार अचानक निरीक्षण किया।  अचानक से हुए निरीक्षण में ही मेडिकल कॉलेज की पोल खुलती नजर आई। निरीक्षण के दौरान वार्डों में गंदे फर्श को देख कर कलेक्टर राजेश बाथम काफी नाराज़ हो गए। 

सफाई के लिए जिम्मेदार ठेकेदार कंपनी एजाइल ग्रुप केवल मोटा मुनाफा कमाकर सरकार को चुना लगाने में लगी है, सफाई के नाम पर केवल गंदगी ही रहती है, गंदे टॉयलेट पड़े रहते है। कई दिनों तक टॉयलेट की सफाई नहीं होती। ऐसे में टॉयलेट में गंदगी स्थाई हम जाती है जिससे कई बार साफ करने पर भी वह साफ नहीं होती है। यह आंखों देखा हाल है। मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों की इसमें लापरवाही है कि वे ठेकेदार कंपनी के कमर्चारियों पर सख्ती नहीं दिखाते। कॉलेज के जिम्मेदार भी इनकी तरह इनके साथ हो जाते है। ठेकेदार कम्पनी पर सख्त एक्शन होना चाहिए। जो होता नहीं है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर बाथम के साथ एसडीएम अनिल भाना मेडिकल कॉलेज डीन अनिता मुथा सहित अन्य स्टाफ साथ था। 

कलेक्टर राजेश बाथम जब डॉ लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज के वार्ड में निरीक्षण के लिए पहुंचे तो वहां के फर्श को देखकर काफी नाराज हुए उसे फर्श पर इतनी गंदगी लगी थी कि उन्हें रुक कर टोकना पड़ा। गंदगी को देख रुक कर कलेक्टर बाथम ने सफाई व्यवस्था के जिम्मेदार सुपरवाइजर को टोकते हुए कहा कि चार पांच साल ही हुए है और फर्श की यह हालत है। इससे जाहिर हो रहा है कि फर्श की सफाई निरंतर नहीं हो पा रही है। 

इसके बाद कलेक्टर के सामने ही डीन अनिता मुथा ने सुपरवाइजर को सफाई के लिए मशीन का इस्तेमाल करने की बात कहती है। फिर कलेक्टर आगे की ओर बढ़ जाते है। इससे पता चलता है कि जिम्मेदार कॉलेज डीन मैडम को जो काम और निरीक्षण रोज़ की तरह करना चाहिए वह होता नहीं है। इसमें डीन मैडम की भी लापरवाही है। डीन के होते हुए आखिर ठेकेदार कंपनी के लोग कैसे चुना लगा सकते है। डीन का कलेक्टर के सामने ही मशीन के लिए बोलना तो यही दर्शा रहा था। सवाल यह है कि डीन के होते हुए मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाएं कैसे?? 

मेडिकल कॉलेज जबसे बना है तबसे विवादों की गिनती में शामिल है। कभी मारपीट, कभी रैगिंग और तो कभी अव्यवस्थाएं। बता दें कि जिम्मेदारों की ही लापरवाही से आईसीयू के ही कई एयर कंडीशन बंद पड़े थे। जिसे चालू करवाने की कोई जवाबी ही नहीं ले रहा था। आखिरी जवाबदार अपनी जवाबदारी समझेंगे।